अगर इतना कैश पेमेंट करते हैं तो इनकम टैक्स को देना होगा जवाब!
डिजिटल पेमेंट सोर्स पिछले कई वर्षों में इतनी तेजी से काम करने लगे कि सब्जी मंडी, चाय के स्टॉल और खाने पीने के ठेलों पर भी डिजिटल पेमेंट एप का क्यूआर कोड आपको देखने को मिल ही जाएगा लेकिन क्या आपको पता है कि इतना डिजिटल पेमेंट का क्रेज होने के बावजूद भी कई लोग अब तक किसी भी तरह की पेमेंट का भुगतान करने के लिए कैश को ही एक मात्र ऑप्शन मानते हैं।
छोटी से छोटी पेमेंट को करने के लिए कैश का उपयोग करना सही माना जा सकता है लेकिन कुछ बड़ी पेमेंट को भी अगर आप कैश के द्वारा ही भुगतान करते हैं तो ऐसे में आप इनकम टैक्स की नजर में आ सकते हैं। नीचे दिए गए कुछ कारणों से आपको इनकम टैक्स को कैश पेमेंट करने पर जवाब देना होगा
बैंक में कैश डिपाजिट करना
Income Tax Cash Policy के तहत आप सिर्फ 1 लाख से कम ही कैश डिपॉजिट पर इनकम टैक्स की छूट प्राप्त कर सकते हैं लेकिन अगर आप इससे ज्यादा कैश पेमेंट का भुगतान कैश डिपॉजिट करने के लिए करते हैं तो आपको इनकम टैक्स को इसके सोर्स का पता देना होगा।
डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ने के बाद भी लोग ज्यादा से ज्यादा कैश में पेमेंट करने की सुविधा को ही अभी तक इस्तेमाल मिल रहे हैं लेकिन हर पेमेंट को कैश के द्वारा भुगतान करना भी आपके लिए नुकसान दे हो सकता है।
हर पेमेंट को कैश के द्वारा भुगतान करने पर आप इनकम टैक्स नजर में आ सकते हैं इसलिए जानते हैं कौन सी कैश पेमेंट पर आप इनकम टैक्स की निगरानी में आ जाते हैं!
फिक्स्ड डिपॉजिट में कैश जमा करना
अगर आप बैंक की किसी फिक्स डिपॉजिट में कैश के द्वारा फिक्स डिपॉजिट में निवेश कर रहे हैं तो आपको इनकम टैक्स को अपनी इनकम सोर्स का जवाब देना होगा। हालांकि एक सीमित कैश डिपॉजिट लिमिट तक आप फिक्स डिपॉजिट में कैश जमा कर सकते हैं लेकिन लिमिट क्रॉस होने के बाद आपको टैक्स लगेगा।
कैश भुगतान करके प्रॉपर्टी खरीदना
मान लीजिए अगर आपने 40 लाख रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी है और इसका भुगतान अपने 40 लाख रुपए नगद राशि में किया है तो इनकम टैक्स को आपको इस कैश सोर्स से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी। वही आपका प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी दे ही देगा जिससे आपके पास यह नोटिस आ सकता है।
कैश में क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना
अगर आपने ₹100000 से अधिक की लिमिट पर क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नकद के रूप में किया है तो ऐसे में आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है जिसमें आपको इनकम टैक्स वालों को इस इनकम सोर्स से जुड़ी सभी जानकारी को साझा करना होगा।
म्युचुअल फंड,बॉन्ड और शेयर खरीदने के लिए नकद में भुगतान
अगर आप म्युचुअल फंड, बॉन्ड और शेयर में निवेश करते हैं लेकिन इसकी सभी पेमेंट आप नगद के रूप में कर रहे हैं तो इसकी जानकारी भी आपको इनकम टैक्स को देनी होगी।