ज्यादा रिटर्न्स वाले म्यूच्यूअल फंड्स या फिर सुरक्षित निवेश वाली फिक्स्ड डिपाजिट – कौन है बेहतर और क्यों?

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आपको भी आपकी मेहनत की कमाई पर ज्यादा इंटरेस्ट चाहिए और आप ये सोच रहे है की म्यूच्यूअल फण्ड या फिक्स्ड डिपाजिट मे से कौन ज्यादा अच्छा है ! तो ये पोस्ट आपके लिए है ! यहाँ पर हम देखेंगे की इन दोनों मे से कौन अच्छा विकल्प है और क्यों?

आज कल लोगो को अपनी कमाई से कुछ थोडा ज्यादा रिटर्न चहिये होता है!

और चाहिए भी क्यूँ न! वैसे इसमें बुरा भी क्या है!

आज कल इतने सारे इन्वेस्टमेंट के जरिया है की आम लोग इसमें अपना पैसा डाल कर कुछ ही अवधि मे अच्छा खासा प्रॉफिट कम सकते है और कमा भी रहे है!

व्यक्ति ये सोचता है की इतने सारे विकल्प मौजूद है तो उसके लिय कौन सा सबसे अच्छा रहेगा इसमें उसे फायदा भी हो और उसका पैसा भी न डूबे!

तो आज हम इन्वेस्टमेंट के ऐसे ही दो विकल्पों के बारे मे चर्चा करेंगे जिनमे आप अपना पैसा लगा सकते है और अच्छा प्रॉफिट भी कमा सकते है और ये भी देखेंगे की दोनों मे से कौन ज्यादा सुरक्षित है और किस में कब पैसे लगाने चाहिए!

हम बात कर रहे है म्यूच्यूअल फण्ड की और फिक्स्ड डिपाजिट की यानि FD.

सबसे पहले हम इन दोनों को थोडा जान लेते है की क्या होते है ?

FD या फिक्स्ड डिपाजिट क्या होते है?

फिक्स्ड डिपाजिट एक इन्वेस्टमेंट स्कीम है इसमें हम पैसा एक निश्चित अवधि के लिए बैंक मे रखते है! बदले मे बैंक हमें उस पैसे पर इंटरेस्ट लगा कर देती है!

म्यूच्यूअल फण्ड क्या होते है?

म्यूच्यूअल फण्ड  बहुत सारे फंड्स को मिला कर बनता है जिसे कोई कंपनी या फण्ड मेनेजर मैनेज करता है! कंपनी या फण्ड मेनेजर अलग अलग कम्पनीज के शेयर के कुछ हिस्से को जोड़ कर 1 म्यूच्यूअल फण्ड बनाते है! म्यूच्यूअल फण्ड क्या है  इसको विस्तार से पढ़े!

अब हमे थोडा थोडा पता चल गया है की म्यूच्यूअल फण्ड और फिक्स्ड डिपाजिट क्या होता है ! आइये अब हम देखते है की दोनों मे क्या अंतर है!

FD और म्यूच्यूअल फण्ड मे अंतर

आइये इन दो निवेश विकल्पों के बीच एक नज़र डालें और फिर आप अपने पैसे का निवेश करने का फैसला खुद कर सकते हैं!

  • FD बैंक द्वारा बनाया गया निवेश विकल्प है, जबकि म्यूच्यूअल फण्ड कोई बैंकिंग योजना नहीं है।
  • एफडी आमतौर पर 3-4 प्रकार की होती है जैसे सामान्य एफडी, टैक्स सेविंग एफडी जबकि म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं, लिक्विड म्यूचुअल फंड, टैक्स सेविंग फंड, डेट फंड आदि।
  • ब्याज की दर बैंक द्वारा तय की जाती है। सभी बैंकों में लगभग समान ब्याज दर होती है जबकि म्यूच्यूअल फण्ड की ब्याज दर बाजार द्वारा तय की जाती है जिसका अर्थ है कंपनी का प्रदर्शन। कंपनी जितना अच्छा प्रदर्शन करेगी उतना उसका शेयर ऊपर जाएगा और उस कम्पनी का शेयर जिन जिन म्यूच्यूअल फण्ड मे होगा वो भी अच्छा प्रदर्शन करंगे!
  • टैक्स सेविंग FD की तरह ही एक टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी है जिसे ELSS कहा जाता है।
  • दोनों निवेशों में, निवेशक को कर बचत निवेश को निश्चित अवधि के बाद मिलने वाली राशी पर टैक्स देना होता है ! परन्तु टैक्स सेविंग एफडी और ईएलएसएस म्यूचुअल फंड पर भुगतान करने के लिए कोई टीडीएस नहीं है।

FD और म्यूच्यूअल फण्ड मे से कौन सा निवेश अच्छा है ?

इसलिए, यदि हम उपरोक्त बिंदुओं की तुलना करते हैं, तो हम कुछ निष्कर्ष पर पहुंचेंगे कि

अगर किसी को ज्यादा पैसे की sसिक्योरिटी की जरूरत है तो फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ जरूर जाएं।

अगर सुरक्षा महत्वपूर्ण नहीं है, और कोई व्यक्ति कुछ हद तक जोखिम ले सकता है तो जाहिर तौर पर म्यूचुअल फंड के साथ जाएं जो अधिक रिटर्न देगा।

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